हिमाचल के इन नेताओं को सत्ता के गलियारों में कोई नहीं कर पाया चित्त

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  • संवाद भारत : हिमाचल प्रदेश में ऐसे कई नेता हैं जिन्होंने कई चुनाव लड़े, कई हारे, कई जीते। आज हम बात करेंगे हिमाचल के ऐसे ही तीन धुरंधर नेताओं की जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में एक भी चुनाव नहीं हारा।

1. पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर

जुब्बल – कोटखाई क्षेत्र से 1950 के दशक में राजनीति करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर आजीवन नाबाद ही रहे। 1957 में पहला चुनाव निर्दलीय जीतने वाले रामलाल ठाकुर ने 15 अगस्त 1983 से 29 अगस्त 1984 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। वो रामलाल ठाकुर ही थे जिन्होंने बिना आउट हुए 9 चुनाव लड़े और 9 के 9 ही चुनाव जीते। उनके राजनीतिक जीवन में एक ऐसा भी मोड़ आया जब उन्होंने 1985 में चुनाव ही नहीं लड़ा और 1990 के चुनावों में कांग्रेस की बजाए जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़कर तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को चित्त करके बड़ा उलटफेर किया। 1977 और 1980 में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। दिवंगत नेता रामलाल ठाकुर ने प्राय:1957, 62, 67, 72, 77, 82, 90, 93, 98 के चुनाव जीते। इसके अतिरिक्त उत्तर भारत में 90% मतों के साथ जीत का रिकार्ड भी रामलाल ठाकुर के नाम ही दर्ज है जिसे आजतक कोई नहीं तोड़ पाया है। अब उनके पोते रोहित ठाकुर उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं

2. गुमान सिंह चौहान,

पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता गुमान सिंह चौहान का नाम आता है। जिन्होंने 3 चुनाव पांवटा और 4 चुनाव शिलाई विधानसभा क्षेत्र से जीते, और लगातार 7 चुनाव जीतने का रिकार्ड जनता के दिलों में दर्ज करवाया। 1957, 62, 67 में 3 चुनाव पांवटा से जीतने के बाद 1972, 77, 82 और 85 के चुनाव शिलाई विधानसभा से जीते। गुमान सिंह चौहान लगातार जीतने वाले एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने तीन मुख्यमंत्रियों डाॅ वाई एस परमार, रामलाल ठाकुर, और वीरभद्र सिंह के साथ काम किया और सत्ता के गलियारों में अपनी एक अलग छाप छोड़ी। लगातार सात बार विधायक बनने वाले गुमान सिंह कांग्रेस सरकार में चीफ पार्लियामेंट सेक्रेट्री, परिवहन और कृषि मंत्री भी रहे। अब उनके बेटे हर्षवर्धन चौहान शिलाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं 5 बार के विधायक हैं, 2022 के विधानसभा चुनावों में 7वीं बार इस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।

 

3. मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर 

महेंद्र सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश की राजनीति के एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने 7 बार की लगातार विधायकी के साथ – साथ पांच अलग – अलग चुनाव चिन्हों पर चुनाव जीते हैं। पहली बार 1990 में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीतना वाले महेंद्र सिंह ठाकुर ने 1993 में अपना दूसरा चुनाव कांग्रेस पार्टी, तीसरा चुनाव 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस, चौथा चुनाव 2003 में लोक तांत्रिक मोर्चा और 2007,2012 और 2017 के चुनाव भारतीय जनता पार्टी से जीते। महेंद्र सिंह ठाकुर 1998 और 2007 की प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में मंत्री बने। 2017 में महेंद्र सिंह ठाकुर जयराम ठाकुर की सरकार में मुख्यमंत्री के बाद पहले नंबर के मंत्री रहे। वर्तमान (2022) में महेंद्र सिंह ठाकुर ने चुनाव लड़ने से मना किया और भाजपा ने उनके बेटे रजत ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है।

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