संवाद भारत : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का आज परिणाम आया और जनता ने रिवाज बरकरार रख कर कांग्रेस को सत्ता में वापिस लाया। अगर परिणामों की बात करें तो भाजपा 10 सीटें और जीतती तो सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को छू सकती थी परंतु सरकार में रहे 11 कैबिनेट मंत्रियों में से महज 2 ही चुनाव जीत सके एक ने चुनाव नहीं लड़ा जबकि 8 हार गए। हारे हुए मंत्रियों की बात करें तो :
1. सुरेश भारद्वाज : सुरेश भारद्वाज कद्दावर होने के साथ – साथ, भाजपा के वरिष्ठ नेता भी हैं। भाजपा ने अंतिम समय में भारद्वाज का टिकट शिमला शहर से बदलकर कसुम्पटी कर दिया था। इस बदलाव का एक असर यह हुआ कि भारद्वाज तो हारे ही हारे परंतु भाजपा अपनी परंपरागत शिमला शहर की सीट भी हार गई।
2. डाॅ राम लाल मारकंडा : लाहौल स्पीति से इस बार भाजपा को उम्मीद थी कि डाॅ राम लाल मारकंडा का जादू चलेगा और वो लगातार जीत दर्ज करेंगे परंतु प्रदेश की तरह लाहौल में भी भाजपा का रिवाज नहीं बदला और हार मिली,
3. राकेश पठानिया : नूरपुर से आने वाले धाकड़ नेता को इस बार भाजपा ने फतेहपुर से चुनाव लड़वाया मगर राकेश पठानिया जीतने के बजाए चुनाव हार गए,
4. डाॅ राजीव सैजल : पिछले लगातार दो चुनाव 500 से कम मतों से जीतने सैजल इस बार कुछ कमाल नहीं कर पाए और लगातार तीसरे मुकाबले में जीत नहीं पाए और विनोद सुल्तानपुरी से अपना चुनाव हार गए,
5. सरवीण चौधरी : सरकार में एकमात्र महिला मंत्री और लगातार की विधायक सरवीण चौधरी को इस बार कांग्रेस के भीतरघात का समर्थन नहीं मिला और केवल सिंह पठानिया से अपना चुनाव हारा,
6 : वीरेन्द्र कंवर : कुटलैहड़ भाजपा का अभेद्य दुर्ग माना जाता है परंतु इस बार यह अभेद्य दुर्ग भेदने में भी कांग्रेस सफल हुई और सबसे सेफ सीट पर भी भाजपा को पटखनी मिली,
7. राजेन्द्र गर्ग : घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से शांत स्वभाव रखने वाले राजेन्द्र गर्ग इस बार अपने स्वभाव का लाभ नहीं उठा पाए और पूर्व विधायक राजेश धर्माणी से अपना चुनाव हारे,
8. गोविंद सिंह ठाकुर : मनाली से लगातार के तीन बार जीतने वाले गोविंद सिंह ठाकुर भी इस बार अपनी सीट नहीं बचा पाए और कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ से अपना चुनाव हारे,
महज दो मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और सुखराम चौधरी ही अपनी सीट बचा पाए। इसके अलावा विधानसभाध्यक्ष विपिन सिंह परमार और उपाध्यक्ष हंसराज अपना चुनाव जीते।