ब्यूरो : सोलन के बाद नाहन विधानसभा क्षेत्र से भी अजेय रहने वाले भाजपा के कद्दावर नेता, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डाॅ राजीव बिंदल इस बार चुनाव के कड़े व रोचक मुकाबले में हैं। 2017 के चुनावों में भी डाॅ बिंदल कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी से मात्र 3990 मतों के अंतर से ही जीते थे। लगातार 5वीं बार विधायकी जीतने वाले और प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री रहने वाले डाॅ बिंदल जयराम सरकार में हाशिए पर ही रहे। मंत्री बनना तो दूर की बात प्रदेश अध्यक्ष पद पर मिली तैनाती से भी कुछ ही महीनों बाद त्यागपत्र देना पड़ गया।
लंबे समय तक हाशिए पर रखने के बाद 2022 के आम विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा को अच्छे मैनेजर के तौर पर जाने जाने वाले डाॅ राजीव बिंदल की याद तो आई परंतु चुनावी घोषणापत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड की भाजपा की घोषणा से ऐसा लगा मानो भाजपा ने दोबारा डाॅ बिंदल को हाशिए पर भेजने का मन बना लिया हो।
नाहन विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता काफी संख्या में है जो डाॅ बिंदल के सपोर्टर माने जाते हैं। परंतु जिस प्रकार से देश के अन्य राज्यों में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का विरोध हो रहा है उससे यही लगता है कि इस बार नाहन विस क्षेत्र के मुस्लिम मतदाता डाॅ बिंदल का साथ न देकर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी का साथ दे सकते हैं। इसके अलावा डाॅ बिंदल के खिलाफ इस बार बड़े पैमाने पर एंटीइंकंबैंसी भी देखी जा रही है।अब सबकी नज़रें 8 दिसंबर यानी मतगणना वाले दिन पर टिकी हैं कि क्या डाॅ बिंदल लगातार अपना 6ठा चुनाव जीत पाएंगे या फिर कांग्रेस के अजय सोलंकी इस बार नाहन का किला भेदने में सफल रहेंगे ?