संवाद भारत : आज सुबह 10 बजे 29 दिन बाद सरकार को मंत्रीमंडल तो नसीब हुआ। परंतु सत्ता के गलियारों में एक नई चर्चा ने जन्म लिया कि कुछ बड़े नेताओं की अनदेखी सरकार पर भारी न पड़ जाए।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पूर्व में कांग्रेस की वीरभद्र सरकार में बड़े ओहदे पर रहे नेताओं सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, राजेन्द्र राणा, राजेश धर्माणी और संजय रतन को न तो मुख्यमंत्री सुक्खू के मंत्रीमंडल में जगह मिली। न ही मुख्य संसदीय सचिवों की सूची में स्थान मिला।
ऐसे में कयास लगाए जाने शुरु हो चुके हैं कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार आने वाले पांच वर्षों में अपनों से ही न घिरी रहे। अगर ऐसा होता है तो ये घटनाक्रम नया नहीं होगा क्योंकि इससे पहले भी पूर्व की वीरभद्र सरकार को घेरने में सरकार के अपने ही मंत्रियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। कभी कौल सिंह तो कभी जी एस बाली अपने ही मुखिया पर मंचों से तंज कसते नजर आते थे।
बहरहाल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की बात करें तो सुक्खू मंत्रीमंडल गठन के बाद यह कह चुके हैं कि मंत्रीमंडल में किसी को इग्नोर नहीं किया गया है। बल्कि पात्र व्यक्ति को ही मंत्रीमंडल में जगह मिली है।