मेरी छवि बिगाड़ने में भाजपा ने लगाए हजारों करोड़ : राहुल गांधी

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संवाद भारत : भारत जोड़ो यात्रा आज दिल्ली पहुंची और दिल्ली में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीडिया, केंद्र सरकार, और प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। अपने उद्बोधन में राहुल गांधी बोले;

मीडिया में अब हिंदू-मुस्लिम दिखाया जाता है, इनके ज़रिए नफ़रत फैलाई जा रही है। लेकिन ये कसूर मीडियावालों का नहीं बल्कि उनके पीछे जो उनके मालिक हैं ये उनकी ताकत है। मैं 2,800 किलोमीटर के सफर के दौरान लाखों लोगों से मिला हूं, लोग एकदूसरे से प्यार करते हैं, वो नफ़रत नहीं करते लेकिन मीडियावाले ये नहीं दिखाते हैं।

सच्चाई ये है कि चौबीस घंटे मीडिया में नफ़रत की ख़बरें दिखाई जाती है और लोगों का ध्यान भटकाकर जनता का पैसा इनके मालिकों के जेब में जाता है। ये सब जानते हैं कि ये नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं है ये अदानी-अंबानी की सरकार है।

जीएसटी एक पॉलिसी नहीं है। ये छोटे और मझोले व्यापारियों को मारने का हथियार है। ऐसा करने के कारण ये हुआ है कि युवाओं को रोज़गार नहीं मिल रहा। गेम को समझो जीएसटी रोज़गार देने वालों पर लगाया गया है और उनकी कमर तोड़ दी गई है।

भाजपा के धर्म की राजनीति पर राहुल बोले मैंने गीता पढ़ी है, उपनिषद भी पढ़े हैं, लेकिन मैंने ये कहीं नहीं पढ़ा कि ग़रीब लोगों को कुचलना चाहिए, कमज़ोरों को मारना चाहिए ।

अदानी-अंबानी की तरफ इशारा करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसा और कहा कि प्रधानमंत्री पर भी लगाम लगी हुई है। ये समझना ज़रूरी है बंदरगाह अदानी-अंबानी के, कंपनियां उनकी, फ़ोन उनके, लेकिन हमारे पास सच्चाई है।

भाजपा ने मेरी छवि को बिगाड़ने का पूरा प्रयास किया। जब मैं राजनीति में आया था तब मीडिया वाले मेरी प्रशंसा करते थे। फिर मैं भट्टा परसोल गया और मैंने किसानों की ज़मीन का मामला छेड़ा, इसके बाद वो मेरे पीछे पड़ गए। प्रधानमंत्री और भाजपा ने मेरी छवि खराब करने में हज़ारों करोड़ रुपये लगा दिए। मैं शांत रहा मैंने कहा मैं देखता हूं कितना दम है फिर एक महीने में मैंने सच्चाई दिखा दी।

चीन और भारत के बीच चल रहे सीमा विवाद का ज़िक्र करते हुए राहुल गांधी बोले दुनिया में सच्चा मुक़ाबला चीन और भारत के बीच है। चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्जा किया हुआ है। प्रधानमंत्री भाषणों में कहते हैं कि चीन हमारी सीमा में नहीं आया लेकिन अगर कोई नहीं आया है तो हमारी सेना को 21 बार उनसे क्यों बात करनी पड़ रही है ?

भारत और चीन के बीच मुक़ाबला आर्थिक स्तर का है। हमारे दैनिक प्रयोग की वस्तुएं कैमरे, फ़ोन, कपड़े जैसी हमारे इस्तेमाल की कई चीज़ें चीन में बनती हैं और उनके पीछे लिखा होता है ‘मेड इन चाइना’। हमें एक ऐसा हिंदुस्तान चाहिए जिसमें हर तरह के सामान के पीछे ये लिखा होगा ‘मेड इन इंडिया’। तभी हमारे युवाओं को रोज़गार मिलेगा। ये च्वाइस नहीं है, बल्कि हमें ये कर के दिखाना होगा।

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