संवाद भारत : आज देश के गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री व अन्य अधिकारियों को बुलाया गया था।
इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने सकारात्मक एप्रोच रखा है। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि दोनों राज्यों के डिस्प्यूट का समाधान रोड़ पर नहीं हो सकता। संवैधानिक हल द्वारा इसका रास्ता निकाला जा सकता है। गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस बारे में कोई फैसला नहीं लेता तब तक कोई भी राज्य एक दूसरे राज्य पर क्लेम नहीं करेगा। दूसरा दोनों राज्यों के छह मंत्री इस विषय में चर्चा भी करेंगे। इन राज्यों के आपसी छोटे-छोटे विवादों को लेकर भी यही छह मंत्री विचार-विमर्श करेंगे।
यात्रियों व व्यापारियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े इसके लिए दोनों राज्य एक आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के लिए सहमत हुए हैं। जो कानून और व्यवस्था को ठीक से रखने में सहायता करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस मामले को तूल देने में फेक ट्विटर अकाउंट का भी बहुत बड़ा रोल रहा है। जो कि सर्वोच्च नेताओं के नाम से बनाए गए थे। यह मामला गंभीर इसलिए है क्योंकि इस प्रकार के ट्विटर अकाउंट्स लोगों की भावनाओं को उत्तेजित करते हैं। ऐसे फेक टि्वटर अकाउंट बनाने वालों पर एफ आई आर दर्ज की जाएगी और कड़ा संज्ञान लिया जाएगा और उन्हें जनता के सामने एक्सपोज भी किया जाएगा।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है इस विवाद की शुरुआत तब हुई थी जब कर्नाटक को मैसूर राज्य एवं महाराष्ट्र को मुंबई प्रेसीडेंसी का हिस्सा माना जाता था। यहां तक कि गुजरात भी उन दिनों मुंबई प्रेसिडेंसी का हिस्सा था। दरअसल यह विवाद 66 साल पुराना है और सर्वोच्च न्यायालय में लंबित होने के बावजूद दोनों राज्य इस मुद्दे पर खूब राजनीति करते हैं।