धर्मशाला, 29 अक्तूबर: भाजपा विधायक एवं पूर्व विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने आरोप लगाया है कि पिछले दो सालों में सुक्खू की सकार ने हिमाचल प्रदेश को दलदल में धकेल दिया है। 30 हजार करोड़ का ऋण देने के बाद भी प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं, जबकि सरकारी कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसना पड़ गया है। उन्होंने कहा कि जनता सुक्खू सरकार से हिसाब चाहती है कि 30 हजार करोड़ का ऋण कहां खर्च किया गया। विपिन सिंह परमार ने कहा कि सुक्खू ने रोते-राते दो साल यह कहकर बिता दिए कि प्रदेश का खजाना खाली है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लगातर प्रदेश की आर्थिक मदद करने के बाद भी सुक्खू सरकार यह शर्मानाम ब्यानबाजी करती आई है कि प्रदेश को केंद्र से कोई मदद नही मिली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने झूठी गारंटियों के साथ प्रदेश की जनता से छल किया है। दो सालों में कांग्रेस सरकार अपने एक भी वायदे को पूरा नही कर पाई है। सुक्खू की गारंटिया प्रदेश में मजाक बनकर रह गई है। पूर्व विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि
सरकार हर दिन प्रदेश के लोगों पर टैक्स का बोझ लाद रही है. हर दिन किसी न किसी तुगलकी फैसले से लोगों को परेशान किया जा रहा है। हर दिन मूलभूत सुविधाओं के दाम बढ़ाए गए। आए दिन आम आदमी को परेशान करने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सरकारी दफ्तर बंद किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 21 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की आर्थिक सहायता प्रदेश को दी जा चुकी है। दी गई। सुक्खू सरकार ने जनता पर टॉयलेट टैक्स लगाकर हिमाचल की जग हंसाई की है। प्रदेश सरकार दो सालों में कोई भी एक ऐसा फैंसला नही ले पाई है जो जनहित में हो। सुक्खू जनविरोधी सरकार के रुप में जनता के सामने है तथा इस सरकार से जनता का मोह भंग हो चुका है। विपिन सिंह परमार ने कहा कि सुक्खू सरकार को झूठ बोलने की लत लग गई है।